विशिष्ट बीटीसी के बाद भी शिक्षक बनने की गारंटी नहीं | |||
| शैलेंद्र श्रीवास्तव/लखनऊ | |||
| Story Update : Sunday, October 07, 2012 12:24 AM | |||
यूपी में विशिष्ट बीटीसी करने के बाद
भी शिक्षक बनने की गारंटी नहीं होगी। ट्रेनिंग करने वालों को विशिष्ट
बीटीसी का केवल प्रमाणपत्र मिलेगा। इसके बाद उन्हें शिक्षक भर्ती प्रक्रिया
के लिए अलग से आवेदन करना होगा। इसमें चयनित किए जाने वालों को प्राइमरी
स्कूलों में सहायक अध्यापक बनाया जाएगा। इस संबंध में बेसिक शिक्षा परिषद
ने शासन को प्रस्ताव भेज दिया है और इस पर लगभग सहमति बनती दिख रही है।
विशिष्ट बीटीसी चयन प्रक्रिया के लिए जारी किए जाने वाले शासनादेश में इस
संबंध में स्थिति स्पष्ट कर दी जाएगी।
बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में शिक्षक रखने की योग्यता बीटीसी और विशिष्ट बीटीसी है। बीटीसी दो वर्षीय कोर्स है और विशिष्ट बीटीसी छह माह का कोर्स है। बीटीसी करने की योग्यता स्नातक और विशिष्ट बीटीसी की बीएड है। प्रदेश में अभी तक विशिष्ट बीटीसी करने वालों को कोर्स समाप्त होने के तुरंत बाद प्राइमरी स्कूलों में सहायक अध्यापक बनाया जाता रहा है पर इस बार विशिष्ट बीटीसी का कोर्स करने वालों को सहायक अध्यापक तुरंत नहीं बनाया जाएगा। शासन स्तर पर हुई उच्चाधिकारियों की बैठक में विचार-विमर्श के दौरान यह बात सामने आई कि विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षण भी केवल कोर्स है और इसे करने वाला केवल आवेदन करने के लिए पात्र माना जा सकता है इसलिए सीधे शिक्षक नहीं बनाया जा सकता है। शासन स्तर पर हुई बातचीत के बाद बेसिक शिक्षा परिषद से प्रस्ताव मांगा गया था। सूत्रों का कहना है कि बेसिक शिक्षा परिषद से भेजे गए प्रस्ताव के मुताबिक यूपी में 72 हजार 825 शिक्षक पदों पर होने वाली भर्ती इसकी प्रक्रिया के आधार पर की जाएगी। टीईटी पास बीएड डिग्रीधारकों को विशिष्ट बीटीसी का प्रशिक्षण प्राप्त करते हुए परीक्षा नियामक प्राधिकारी द्वारा आयोजित परीक्षा पास करनी होगी। इसके बाद वे शिक्षक पद के लिए निकलने वाली भर्ती प्रक्रिया में शामिल हो सकेंगे। विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षण के लिए आवेदन इसी माह लेने के लिए शासनादेश अगले हफ्ते जारी किए जाने की तैयारी है। |
Sunday, October 7, 2012
UP TET 2011
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